बलात्कार
एक ना भरने वाला घाव है ये है बन गया समाज का नासूर जो है। नारी तन की अस्मिता को धूल धूसरित करता ये ऐसा घाव है। कभी निर्भया तो…
एक ना भरने वाला घाव है ये है बन गया समाज का नासूर जो है। नारी तन की अस्मिता को धूल धूसरित करता ये ऐसा घाव है। कभी निर्भया तो…
भारतवर्ष मे शुरू से ही नारी को पूज्यनीय माना जाता है और माना जाता रहा है कि नारी ही एक परिवार की रीढ़ होती है परन्तु फिर भी नारी का…
हमार देशमा सरकारी कार्यालय मा बैठन वाल अधिकारी बाबू बहुत अच्छे और ईमानदारी पुर्वक कार्य करन वाल है। हम काहे उनकी बुराई करे। हम तो बस उनके गुण बयां कर…
क्या आप ईमानदार है? क्या आप अच्छी साख रखते है फिर भी उसका उपयोग नही करते? फिर तो आप हमारे देश के सरकारी विभागो मे कार्यरत अधिकारियो और कर्मचारियो की…
एक पेड़ और लगाओ… पेड़ लगाओ, भर पुर उगाओ इस धरती को, वसुंधरा बनाओ एक पेड़ और लगाओ…। ऊपर नीला, आसमान है इस धरती को, हरा बनाओ एक पेड़ और…
अंबावती में एक राजा राज करता था। उसका बड़ा रौब-दाब था। वह बड़ा दानी था। उसी राज्य में धर्मसेन नाम का एक और बड़ा राजा हुआ। उसकी चार रानियां थी।…
फूलने, फलने और निर्झर होने के बाद सरसो के सूखे सफेद डाँठ से रह गए यह धवल केश विन्यास कहते हैं लास्य, लिप्सा, लालिमा ने उन्हें पवित्रता की कंदरा में…
मीरा कहती हैं- ‘दरद की मारी बन-बन डोलूं, वैद मिला नहिं कोय।’ जगह-जगह जाती हूं। जहां भी जाती हूं, वहीं गोविन्द की याद हो आती है। फूल खिलता है तो…
"कौन सा गुनाह ? कैसा गुनाह ? किसी से जिंदगी भर स्नेह रखने, प्रेम करने का गुनाह... स्नेह और प्रेम जब अपनी पराकाष्ठा पर पहुँचने लगे तो उसका त्याग…
कोई छह सौ वर्ष पुरानी बात है। विजयनगर का साम्राज्य सारी दुनिया में प्रसिद्ध था। उन दिनों भारत पर विदेशी आक्रमणों के कारण प्रजा बड़ी मुश्किलों में थी। हर जगह…