महाभारत कथा : अर्जुन की प्रतिज्ञा
महाभारत का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़त अर्जुन रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति मंं पाण्डवों को पराजित करने के लिए द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना…
महाभारत का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़त अर्जुन रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति मंं पाण्डवों को पराजित करने के लिए द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना…
एक बार हस्तिनापुर नरेश दुष्यंत आखेट खेलने वन में गये। जिस वन में वे शिकार के लिये गये थे उसी वन में कण्व ऋषि का आश्रम था। इसलिए कण्व ऋषि…
पाण्डवों को मत्स्य नरेश विराट की राजधानी में निवास करते हुए दस माह बीत गये। अचानक एक दिन राजा विराट का साला कीचक अपनी बहन सुदेष्णा से मिलने आया। उसी…
बर्बरीक महाबली भीम और हिडिम्बा के पुत्र घटोत्कक्ष का पुत्र था जो एक महान योद्धा थे। चूँकि बर्बरीक का जन्म राक्षस कुल में हुआ था इसलिए वह शरीर से अति…
द्धापर युग का समय था। उस समय हस्तिनापुर में कौरव और पांडवो का साम्राज्य था। भीम अपने भाईयों में सबसे महाबली थे, जिस कारण उन्हे अपनी शक्ति का बहुत घमंड…
त्रेता युग समाप्त हो रहा था। संसार में राक्षसों का बल बहुत बढ़ गया था। इसी समय सरयू नदी के तट पर अयोध्या नगरी में राजा दशरथ राज्य करते थे।…